" माँ "
मेरी जिंदगी का ऐसा महत्वपूर्ण शब्द जो मुझे जिंदगी में सबसे ज्यादा प्यारा है। ये दुनिया का केवल एक ऐसा शब्द है जिसका कोई मोल नहीं है। भगवान ने माँ को इसलिए बनाया है क्योंकि भगवान एक वक्त में हर जगह नहीं रह सकता। माँ की ममता को शब्दों से जाहिर नहीं कर सकते क्योंकि माँ एक बच्चे को 9 महीने अपनी कोख में रखती है। चाहे उन 9 महीनो मे उसने कितना भी कष्ट भोगा हो पर जब जन्म के बाद बच्चे को उसकी गोद में रखा जाता है तो जो खुशी उसे होती है वो उस 9 महीने के कष्टो के आगे कुछ भी नहीं। मैं माँ के प्यार को सिर्फ शब्दों में केद नहीं करना चाहता क्योंकि ऐसा करने का मुझे कोई हक नहीं। फिर भी मैं इसे एक कविता में जाहिर करते हुए आपको एक माँ के प्यार की झलक दिखाना चाहता हूं। यह ब्लॉग मैं अपनी माँ को समर्पित करना चाहता हूं।
ममता भरी इन आखों में।
एक आशिर्वाद भी होता है।।
माँ से घर के आँगन में।
भगवान का एहसास भी होता है।।
वो दिखती तो है खुश मगर।
दर्द भी साथ होता है।।
सब भूली बिसरी आती है।
जब बच्चा उसका रोता है।।
पाले पोसे हम सबको।
फिर भी क्यों ऐसा होता है।।
भगदड़ की इस दुनिया में।
तू माँ को ही खो देता है।।
इस ममता को मैं भूल न पाऊं।
जिससे रोशन जीवन होता है।।
माँ की हर एक डाट में अक्सर ।
प्यार छुपा भी होता है।।
जितना बड़ा भ्रमांड है उसको अन्तता (Infinity) से गुणा(✖) करके जितना भी आता है मैं आपसे इतना प्यार करता हूं।
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अगर आप भी अपनी माँ से प्यार करते हैं तो उन्हें जाकर एक जादू की झप्पी दिजिये और धन्यवाद किजिये कि इतना प्यार करने के लिए।।
LOVE YOU " MAA"